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उत्तराखंड

उत्तराखंड सचिवालय में देवता प्रकरण: रिकवरी से बचने के लिए रचा गया था प्रपंच..? ख़बर नवीस की भूमिका पर भी सवाल ……

देहरादून स्थित उत्तराखंड सचिवालय में सोमवार को उस समय अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई जब एक सरकारी ड्राइवर पर अचानक ‘देवता’ आने की बात सामने आई। इस पूरे घटनाक्रम का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामला चर्चा का विषय बन गया। खास बात यह है कि यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ जब उक्त कर्मचारी पर सरकारी वाहन के तेल में गड़बड़ी करने का आरोप था और इस गड़बड़ी के लिए 65,000 रुपये की रिकवरी लगाई गई थी।

देवता प्रकरण का असली कारण?

सूत्रों के अनुसार, सचिवालय के इस ड्राइवर ने अपनी गलती को स्वीकार करते हुए रिकवरी राशि माफ कराने के लिए कई अधिकारियों से मुलाकात की थी। हालांकि, सचिवालय के अधिकारियों ने भ्रष्टाचार के मामले में कोई राहत देने से इनकार कर दिया। इसके बाद, अचानक सचिवालय परिसर में ही उक्त कर्मचारी पर ‘देवता’ आने की बात सामने आई, जिसने पूरे माहौल को एक रहस्यमय मोड़ दे दिया।

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कुछ लोगों का कहना है कि यह पूरा प्रकरण केवल एक दिखावा था, ताकि भ्रष्टाचार के मामले को धार्मिक रंग देकर सहानुभूति प्राप्त की जा सके और रिकवरी की रकम माफ करवाई जा सके। वहीं, कुछ अन्य लोग इसे साजिश मान रहे हैं, जिसमें खबर नवीस की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है।

खबर नवीस की भूमिका पर सवाल

सूत्रों के मुताबिक, एक खबर नवीस ने इस मामले में महत्वपूर्ण बताई जा रही है दअरसल खबर नवीस के द्वारा उक्त व्यक्ति को बरगलाया था जिसके बाद उसके द्वारा यह प्रपंच रचा गया। चर्चा यह भी है कि किसी विशेष एजेंडे के तहत सरकार की छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, यह जांच का विषय है, लेकिन सचिवालय के गलियारों में इस मुद्दे को लेकर कानाफूसी जरूर हो रही है।

यह पहली बार नहीं है जब उत्तराखंड सरकार और उसके प्रशासनिक तंत्र को बदनाम करने की कोशिश की गई हो। इससे पहले भी कई बार इस तरह की घटनाओं को तूल दिया गया है, जिससे सरकार की छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

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क्या होगी सरकार की अगली कार्रवाई?

इस पूरे घटनाक्रम के बाद सरकार और प्रशासन सतर्क हो गए हैं। यदि यह मामला सच में भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है, तो निश्चित रूप से दोषी कर्मचारी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, यदि यह साबित होता है कि कुछ लोग जानबूझकर इस मामले को भड़का रहे थे, तो उनके खिलाफ भी उचित कदम उठाए जा सकते हैं।

फिलहाल, सचिवालय में यह मामला चर्चा का केंद्र बना हुआ है और अधिकारी इसकी गहराई से जांच कर रहे हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन इस मुद्दे को कैसे संभालता है और दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है।

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