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उत्तराखंड

डीजीपी अशोक कुमार द्वारा साइबर अपराधों को लेकर लिखी पुस्तक “साइबर एनकाउंटर्स” का अंग्रेजी संस्करण का हुआ विमोचन….

दिल्ली/ देहरादून ,साइबर अपराधों पर प्रभावी रोकथाम लगाने के लिए जन-जागरूकता अभियान सबसे सशक्त माध्यम के रूप में उभरा है l डीजीपी अशोक कुमार, और ओ0पी0 मनोचा (पूर्व डीआरडीओ वैज्ञानिक) द्वारा रचित जन जागरूकता अभियानों को प्रोत्साहित करती “साइबर एनकाउंटर्स” पुस्तक के अंग्रेजी संस्करण का विमोचन IIT दिल्ली के सेमिनार हॉल में IIT एलुमनाई एसोसिएशन के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में किया गया l पुस्तक का विमोचन लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) डॉ0 राजेश पंत Co-ordinator PMO( National Cyber Security ), अमन गुप्ता (Co-ordinator & CMO )- boat, श्री (प्रो0)(डॉ0) विक्रम सिंह, पूर्व पुलिस महानिदेशक,उत्तर प्रदेश एवं संजय अरोड़ा,कमिश्नर दिल्ली पुलिस के द्वारा किया गया l विमोचन के उपरांत जन-जागरूकता अभियानों को आंदोलन में बदलने की दूरगामी सोच के साथ यह पुस्तक आज से पाठकों के बीच उपलब्ध है lडीजीपी अशोक कुमार और पूर्व-डी0आर0डी0ओ0 वैज्ञानिक ओ0पी0 मनोचा, द्वारा लिखित पुस्तक “साइबर एनकाउंटर्स” प्रतिष्ठित पेंगुइन रैंडम हाउस द्वारा प्रकाशित की गई है l पुस्तक की प्रस्तावना सुपरस्टार अमिताभ बच्चन द्वारा लिखी गई है l “साइबर एनकाउंटर्स” पुस्तक के लेखक अशोक कुमार उत्तराखंड कैडर के 1989 बैच के आई0पी0एस अधिकारी एवं वर्तमान में पुलिस महानिदेशक, उत्तराखंड के पद पर नियुक्त हैं। उनके द्वारा लिखित प्रथम पुस्तक “खाकी में इंसान” को गृह मंत्रालय के बी0पी0आर0एण्ड0डी0 द्वारा जी0बी0 पंत पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है l आंतरिक सुरक्षा पर आधारित उनकी दूसरी पुस्तक “चैलेंजस टू इंटरनल सिक्योरिटी ऑफ इंडिया ” मैकग्रा हिल द्वारा प्रकाशित की गई है l “साइबर एनकाउंटर्स” में सहलेखक ओपी मनोचा डी0आर0डी0ओ0 में विभिन्न रक्षा परियोजनाओं को क्रियान्वित करने के साथ ही सक्रिय ब्लॉगर एवं लेखक हैं l बारह आकर्षक कहानियों के रूप में प्रस्तुत की गई यह पुस्तक सोशल मीडिया में साइबर अपराधियों के द्वारा प्रदर्शित नकली पहचान, रैनसमवेयर, कार्ड क्लोनिंग, सेक्सटॉर्शन और फिशिंग आदि से संबंधित वास्तविक साइबर अपराधों से पाठकों को रूबरू कराती है l यह पुस्तक साइबरस्पेस में होने वाले अपराधों के बारे में लोगों को जागरूक करने के साथ ही अपराधियों के द्वारा आजमाएं गए नए तौर-तरीकों पर प्रकाश डालती है l पुस्तक में शामिल की गई साइबर अपराध से संबंधित 12 विशेष कहानियों के सार में आम-नागरिकों को साइबर अपराधों से बचने के महत्वपूर्ण टिप्स भी दिए गए हैं lकार्यक्रम के दौरान उपस्थित पाठकों को संबोधित करते हुए डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि ऑनलाइन कार्य करते समय किसी भी लिंक को क्लिक करने से पहले फाइव-सेकंड- रूल को अपनाकर साइबर अपराधियों से बचा जा सकता है l इसके अतिरिक्त ऑनलाइन कार्य करते समय एक्स्ट्रा अलर्ट एवं जागरूक रहने की भी आवश्यकता है l उन्होंने कहा कि जन-जागरूकता के माध्यम से इन अपराधों को न केवल नियंत्रित कर सकते हैं,बल्कि साइबर अपराधों द्वारा उपयोग की जा रही नई तकनीकों से समय रहते आम नागरिकों को जागरूक कर उनकी मेहनत की कमाई अपराधियों से बचाने का काम मिशन मोड करने की आवश्यकता है l पुस्तक के सहलेखक ओ0पी0 मनोचा ने किताब में शामिल कहानियों के माध्यम से साइबर अपराधियों के द्वारा उपयोग किए जा रहे नए-नए टूल्स के बारे में जानकारी दी l बॉलीवुड थ्रिलर फिल्म ‘कहानी’ की पटकथा एवं पत्रकार लेखक सुश्री अद्वैता काला द्वारा संचालित पैनल चर्चा में साइबर अपराधियों द्वारा उपयोग की जा रही तकनीकों एवं साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने में पुलिस के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई l पैनल चर्चा के बाद पाठकों के द्वारा साइबर अपराध के संबंध में कई प्रश्न किए गए l प्रश्नों के उत्तर “Cyber Encounters” पुस्तक के लेखक श्री अशोक कुमार,IPS के द्वारा साइबर अपराधियों के द्वारा उपयोग की जा रही तकनीको एवं उनके विस्तृत समाधान के साथ दिए गए l “Cyber Encounters” पुस्तक के हिंदी संस्करण का विमोचन आगामी दिनों में देहरादून में किया जाएगा l

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