उत्तराखंड
मसूरी में विंटर लाइन कार्निवल 2025 की तैयारियां पूरी, जानिए विंटर लाइन कार्निवल का महत्व!
मसूरी को पहाड़ों की रानी यूं ही नहीं कहा जाता, देश-विदेश के लाखों सैलानी यहां हर ऋतु में उपस्थित रहते ही हैं। मसूरी अपने प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ एक और विशेष कार्यक्रम विंटर लाइन कार्निवल को लेकर बहु-विख्यात है, लेकिन इस बार यह विशेष कार्यक्रम और भी अधिक विशेष होने जा रहा है। दरअसल, यह वर्ष उत्तराखंड की स्थापना का रजत वर्ष है लिहाजा कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने इस बार विंटर लाइन कार्निवल को अधिक खूबसूरत और यादगार बनाने के लिए आवश्यक निर्देश दिए हैं। कार्निवाल को आकर्षक और भव्य स्वरूप देने के लिए इस बार कई रंगारंग और रोमांचक गतिविधियाँ प्रस्तावित की गई हैं। इनमें शोभायात्रा, सांस्कृतिक कार्यक्रम, एडवेंचर स्पोर्ट्स, विभिन्न प्रतियोगिताएँ, गोष्ठियाँ, पारंपरिक लोक आयोजन, फूड फेस्टिवल, मोटर बाइक रैली, मैराथन, नेचर वॉक, स्टार गेजिंग, हिस्ट्री वॉक और विंटेज कार रैली शामिल हैं, तो वहीं इन सभी कार्यक्रमों को लेकर प्रशासनिक स्तर पर विस्तृत मंथन भी हो चुका है।
मसूरी विंटर कार्निवल 2025 को खास और निर्विघ्न बनाने के लिए कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने पार्किंग, यातायात प्रबंधन, सुरक्षा व्यवस्था, पेयजल और विद्युत आपूर्ति, अलाव व्यवस्था तथा साफ-सफाई जैसे सभी आवश्यक इंतजामात पूरे किए गए हैं। साथ ही स्थानीय कलाकारों और उत्तराखंड की लोक संस्कृति को प्राथमिकता देते हुए सप्ताहभर चलने वाले विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के भी निर्देश जारी किए गए हैं।
जानिए विंटर लाइन कार्निवल का महत्व
उत्तराखंड में पहले विंटर लाइन कार्निवल का कोई नामो-निशान नहीं था। दरअसल, उत्तराखंड में आई 2013 की आपदा से उत्तराखंड पर्यटन खासा प्रभावित हुआ, तब उस वक्त राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विंटर कार्निवाल की शुरुआत की गई थी। मसूरी विंटर लाइन कार्निवल को लेकर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि इस वर्ष यह विंटर लाइन कार्निवल और भी अधिक विशेष होगा, क्योंकि इस वर्ष इस कार्यक्रम को उत्तराखंड के रजत जयंती वर्ष के उपलक्ष में आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्र के संदर्भ में अधिक जानकारी देते हुए मंत्री जोशी ने बताया कि कार्निवल का पहला दिन उत्तराखंड आंदोलन के नायक स्व. इंद्रमणि बड़ोनी को समर्पित होगा, जबकि दूसरा दिन भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेई के नाम पर होगा,इसी तरह कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिन्होंने उत्तराखंड राज्य के गठन में ऐतिहासिक भूमिका निभाई थी।





