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उत्तराखंड

मुख्यमंत्री को गंगोत्री यमुनोत्री की भी करनी चाहिए चिंता: खजानदास

देहरादून,चार धाम यात्रा को लेकर भाजपा विधायक खजान दास ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि बद्री केदार मंदिर के साथ-साथ मुख्यमंत्री गंगोत्री और यमुनोत्री की भी चिंता करनी चाहिए, जिससे चारों धामों में आने वाले यात्रियों को उचित व्यवस्था मिल सके।। उत्तराखंड में चार धाम के नाम पर बद्रीनाथ केदारनाथ गंगोत्री यमुनोत्री हैं लेकिन रखरखाव के लिए सिर्फ बद्री केदार धाम के लिए मंदिर समिति का गठन किया गया है जबकि गंगोत्री यमुनोत्री में अभी भी व्यवस्था राम भरोसे ही चल रही है ।उत्तराखंड के चार धामों में बद्रीनाथ केदारनाथ धाम के रखरखाव की जिम्मेदारी बद्री केदार मंदिर समिति के पास है जो धाम की व्यवस्थाओं और रखरखाव की जिम्मेदारी को संभालती है लेकिन गंगोत्री यमुनोत्री धाम में आने वाले लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के लिए किसी प्रकार की कोई योजना नहीं बनती जिससे यात्रियों को कई बार अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ता है ऐसे में भाजपा के विधायक खजान दास ने भी इस बात को स्वीकार करते हुए कहा है कि बद्री केदार के साथ-साथ गंगोत्री यमुनोत्री को भी मंदिर समिति के अधीन करना चाहिए जिससे देश और दुनिया से आ रहे।।उत्तराखंड में 22 अप्रैल से चार धाम यात्रा शुरू हो रही है,, यात्रा से पहले यमुनोत्री और गंगोत्री धाम को मंदिर समिति के अधीन लाने की मांग उठाने लगी है, भाजपा के विधायक ने यमुनोत्री और गंगोत्री धाम को मंदिर समिति में लाए जाने की मांग उठाई है,, उनका कहना है कि मुख्यमंत्री को इस विषय में चिंता करनी चाहिए,, क्योंकि चारों धामों की यात्रा यमनोत्री धाम से शुरू होती है,, उसके बाद गंगोत्री केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम में श्रद्धालु जाते हैं,, लेकिन बद्रीनाथ,और केदारनाथ धाम में व्यवस्थाओं के लिए टेंपल कमेटी का गठन किया गया है,, जबकि यमुनोत्री और गंगोत्री धाम भी महत्वपूर्ण धाम है,,और यहां पर मंदिर समिति नहीं है ,,ऐसे में यमुनोत्री और गंगोत्री धाम में भी व्यवस्था को दूर करने के लिए मंदिर समिति का गठन होना चाहिए या फिर इन दोनों धामों को भी मंदिर समिति के अधीन लाना चाहिए।इस मामले पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है,, कि सरकार चार धाम यात्रा को लेकर गंभीर नहीं है,, व्यवस्थाएं अभी दुरुस्त नहीं हुई, लेकिन अगर यमुनोत्री और गंगोत्री धाम की बात की जाए तो यह दोनों धामों में भी यात्रा के मद्देनजर काफी महत्व है,, लेकिन इन धामों में केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम की तरह व्यवस्था नहीं होती,, क्योंकि यहां मंदिर समिति नहीं है,, जबकि इन दोनों धामों में भी श्रद्धालुओं की संख्या का आंकड़ा काफी ज्यादा होता है,, मंदिर समिति सिर्फ बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम में ही व्यवस्था करती है,, उन्होंने भी सरकार से मांग उठाई कि यमुनोत्री और गंगोत्री धाम में भी मंदिर समिति के अधीन व्यवस्था होनी चाहिए।।

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