उत्तराखण्ड
बीमार शिक्षकों को अनुरोध के आधार पर इच्छित स्थान पर तैनाती के निर्देश
15 अगस्त से पहले मिलेगी 449 प्रवक्ताओं को तैनाती: डॉ0 धन सिंह रावत
कहा, दुर्गम श्रेणी के स्कूलों में मिलेगी शिक्षकों को प्रथम नियुक्ति
देहरादून,
आगामी 15 अगस्त से पहले विभिन्न विषयों के 449 प्रवक्ताओं को तैनाती दी जायेगी। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग से चयनित इन शिक्षकों को पर्वतीय एवं दुर्गम श्रेणी के स्कूलों में प्रथम तैनाती दी जायेगी। जिसके निर्देश विभाग के उच्चाधिकारियों को दे दिए गये हैं। गंभीर बीमारियों से पीड़ित शिक्षकों को अनुरोध के आधार पर इच्छित स्थानों पर शीघ्र तैनाती के निर्देश भी अधिकारियों को दिये गये हैं।
शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने आज शिक्षा महानिदेशालय देहरादून में विभाग की समीक्षा बैठक ली। बैठक में डॉ0 रावत ने राज्य लोक सेवा आयोग से विभिन्न विषयों में चयनित 449 प्रवक्ताओं को आगामी 15 अगस्त से पहले नियक्ति देने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दीये। उन्होंने कहा कि इन शिक्षकों को सूबे के पर्वतीय एवं दुर्गम श्रेणी के स्कूलों में 5 साल के लिये तैनाती दी जायेगी। जिससे दुर्गम श्रेणी के स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर हो जायेगी साथ ही पठन-पठान भी सुचारू हो जायेगा। डॉ0 रावत ने बताया कि सामान्य शाखा के अंतर्गत दुर्गम श्रेणी के स्कूलों में अंग्रेजी विषय के 64, हिन्दी के 81, संस्कृत के 18, भौतिक विज्ञान के 46, रसायन विज्ञान के 42, गणित के 6, जीव विज्ञान के 35, नागरिकशास्त्र के 38, अर्थशास्त्र के 74, इतिहास के 8, भूगोल के 17, समाजशास्त्र के 6, कला, मनोविज्ञान एवं कृषि के एक-एक शिक्षक की तैनाती की जायेगी। बालिका इंटर कॉलेजों में हिन्दी विषय की 2, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान एवं अर्थशास्त्र की 3-3 शिक्षिकाओं को नियुक्ति दी जायेगी। विभागीय मंत्री ने बताया कि ऐसे शिक्षक जो गंभीर रोग से ग्रसित हैं उन्हें अनुरोध के आधार पर इच्छित स्थानों पर तैनाती दी जायेगी , जिसके निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गए हैं। उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था से रोगग्रस्त शिक्षक अपने उपचार के साथ-साथ शैक्षणिक कार्य का निर्वहन भी कर सकेंगे।
बैठक में महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, निदेशक माध्यमिक आर0के0कुंवर, निदेशक सीमैट सीमा जौनसारी, निदेशक प्राथमिक शिक्षा वंदना गर्ब्याल, अपर निदेशक आर0के0 उनियाल, भूपेन्द्र नेगी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।