आबकारी
मुख्यमंत्री धामी गृह क्षेत्र में विभागीय निष्क्रियता, खटीमा बना अवैध शराब का गढ़…आबकारी विभाग नाकाम
खटीमा में SDM तुषार सैनी ने तहसीलदार वीरेंद्र सजवान और कानूनगो के साथ संयुक्त रुप से कार्रवाई करते हुए ढाबों पर अवैध रुप से शराब पीने वालों पर और शराब पिलाने वालों पर शिकंजा कसते हुए ताबड़तोड़ कार्रवाई करी। मगर SDM तुषार सैनी द्वारा करी गई कार्रवाई से अब आबकारी विभाग पर कई सवाल खड़े हो चुके हैं। जनता सरकार से सवाल कर रही है कि जो कार्रवाई आबकारी विभाग को करनी चाहिए वह कार्रवाई स्वयं SDM कर रहे हैं। अब चूंकि मामला अवैध रुप से शराब परोसने का है जिस पर कार्रवाई भी उपजिलाधिकारी ने करी है, ऐसी स्थिति में जनता का कहना है कि यह एक शर्म की बात है कि आबकारी विभाग अपने कर्तव्यों के प्रति कितना लापरवाह है, इस मामले पर कार्रवाई भी स्वयं उपजिलाधिकारी खटीमा तुषार सैनी और तहसीलदार वीरेंद्र सजवान को करनी पड़ी। वहीं स्थानिय जनता ने आबकारी विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि जहां एक ओर खटीमा अवैध शराब का गढ़ बन चुका है, यहां के कई गावों में अवैध कच्ची शराब और अवैध स्मैक की बिक्री एक सामान्य बात बन चुकी है। मगर शर्म की बात यह है कि सूचना देने के बावजूद भी आबकारी इंस्पेक्टर मूकदर्शक बने हुए हैं।
मुख्यमंत्री धामी गृह क्षेत्र में विभागीय निष्क्रियता
जनता का रोष मात्र आबकारी विभाग तक ही सीमित नहीं बल्कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर भी है, उनका कहना है कि खटीमा मुख्यमंत्री धामी का गृह क्षेत्र है और उनका स्वयं खटीमा आना-जाना खटीमा में बना ही रहता है तो आखिर बावजूद इसके आबकारी विभाग इतना लापरवाह क्यों बना हुआ है। इतना ही नहीं स्थानीय जनता का आबकारी विभाग पर गंभीर आरोप है कि खटीमा में रेलवे पटरियों के आसपास अवैध कच्ची शराब खुले आम बेची जा रही है और अवैध स्मैक बेचने का काम भी जोर-शोर से चल रहा है, ऐसी स्थिति में अवैध कच्ची शराब और स्मैक विक्रेताओं को आबकारी विभाग का समर्थन प्राप्त होना लाजमी लगता है। क्षेत्रीय जनता की मांग है कि ऐसी स्थिति में आबकारी विभाग के उन अधिकारियों और कर्मचारियों पर प्रभावी कार्रवाई की जानी चाहिए जिनके द्वारा आज मुख्यमंत्री का स्वयं का गृह क्षेत्र खटीमा अवैध कच्ची शराब का गढ़ बन चुका है जहां बेखौफ समैक को घरेलू सामान के तौर पर बेचने का काम आज बहुत जोरों-शोरों पर चल रहा है।





