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उत्तराखंड

उत्तराखंड का आसमान बनेगा “हेली हाईवे”, दौड़ लगाएंगी हेली सेवा…चारधाम से कुमाऊं तक “हेली ही हेली”

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिहं धामी ने एक सपना देखा और उसे पूरा करने की लगन में दिन-रात एक कर दिए गए। जी हां, हम बात कर रहे हैं “उत्तराखंड के आसमान को हेली हाइवे बनाने का”। उत्तराखंड में केदारनाथ की चोटियों से लेकर गंगोत्री-यमुनोत्री की ऊँची वादियों तक, हेमकुंड साहिब से फूलों की घाटी, औली से मुनस्यारी और पिथौरागढ़ तक हर बड़े तीर्थ और पर्यटन स्थल को हेली सेवा से जोड़ने का मेगा प्लान अब अपने अंतिम चरण पर है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि “हमारे राज्य की भौगोलिक परिस्थितियाँ कठिन हैं, यहां आपदा का खतरा बना रहता है और हर साल करोड़ों श्रद्धालु-पर्यटक यहां आते हैं। इसलिए हमने तय किया है कि हेली सेवा मात्र इमरजेंसी या VIP के लिए नहीं बल्कि आम तीर्थयात्री, बुजुर्ग, बच्चे और हर पर्यटक के लिए रोज़ाना उड़ान भरेंगी। राज्य सरकार हर पर्यटन स्थल और तीर्थ स्थल को हेली सेवा से जोड़ रहा है, इससे न सिर्फ स्थानीय युवाओं को बड़ा रोज़गार मिलेगा, बल्कि गाँव-गाँव की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी और उत्तराखंड का पर्यटन दुनिया में सबसे आगे निकल जाएगा। इस मेगा प्लान को मूर्त रुप देने के लिए राज्य सरकार काफी समय से दिन और रात एकजुट होकर कार्य कर रही है”।

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उत्तराखंड को हेली सेवा का गढ़ बनाने के विषय पर राज्य सरकार ने दावा किया है कि अगले कुछ महीनों में ही केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, हेमकुंड साहिब, औली, चोपता, मुनस्यारी, पिथौरागढ़, नैनीताल और कई सीमांत क्षेत्रों तक नियमित हेली सेवा शुरू हो जाएगी। वहीं 8-10 घंटे का थका देने वाला सड़क सफर अब मात्र तीस-चालीस मिनट में पूरा होगा। बुजुर्ग और बीमार लोग भी बिना परेशानी के बाबा केदार, बद्रीविशाल और माँ गंगा-यमुना के दर्शन कर सकेंगे। पहाड़ के लड़के-लड़कियाँ पायलट, टेक्नीशियन, ग्राउंड स्टाफ बनेंगे। होम-स्टे, दुकानें, गाइड, टैक्सी – हर हाथ को काम मिलेगा।

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बाइट- पुष्कर सिंह धामी, सीएम उत्तराखंड

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