Connect with us

उत्तराखंड

उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव : चुनाव के बाद भी 35 गांव बिना प्रधान, कोरम विफल-विकास कार्य प्रभावित

उत्तराखंड में काफी लंबे इंतजार के बाद हरिद्वार जिले को छोड़कर शेष 12 जिलों की 7499 पंचायतों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराए गए थे, जिनके लिए 24 और 28 जुलाई को दो चरणों में मतदान किया गया था। मगरत त्रिस्तरीय चुनाव के बाद भी प्रदेश की 300 पंचायत ऐसी रहीं जिनमें नामांकन रद्द होने और अन्य कारणों से ग्राम पंचायत के पद को खाली रह गए थे, लिहाजा राज्य सरकार ने इन ग्राम पंचायतों में रिक्त पदों की भर्ती के लिए बीते माह 20 नवंबर को उपचुनाव कराए,लेकिन बावजूद इसके आज भी 35 ग्राम पंचायतो में ग्राम प्रधान क्षेत्र पंचायत सदस्य और ग्राम पंचायत सदस्य के पद खाली हैं। हालांकि विभाग का दावा है कि जिन पंचायत में पद रिक्त रह गए हैं उनमें विकास कार्यों में कोई परेशानी नहीं आती।

अगर चंपावत, बागेश्वर और नैनीताल जिले को छोड़ दिया जाए तो शेष 9 जनपदों की 35 ग्राम पंचायते अब भी ग्राम प्रधान क्षेत्र पंचायत सदस्य और ग्राम पंचायत सदस्य के रिक्त पदों की समस्या से जूझ रही है। इनमें पौड़ी गढ़वाल जिले के रिखणीख़ाल, एकेश्वर और कलजीखाल विकासखंड के सुलमोड़ी, पालकोट और डांगी ग्राम पंचायत। अल्मोड़ा जिले में ताड़ीखेत, हवालबाग, सल्ट, भिक्यासैन, स्यालदे, लमगड़ा और द्वाराहाट विकासखंड के हरोली गनोली, खौड़ी, झीपा, मजगांव कनेड़ा, तोलबूधानी, फड़िया, बुघाण और दैरी ग्राम पंचायत। टिहरी गढ़वाल के जौनपुर जाखड़ीधार प्रतापनगर देवप्रयाग और कीर्ति नगर विकासखंड के बुराड़ी, बोष्टा, खंबाखाल, डांगी, चिलपड और कोठार ग्राम पंचायत। चमोली के नारायणबगड़, थराली और देवल विकासखंड के चलियापानी, जुनेर, नाखोली, बेडगांव, देवलग्वाड, मैन और कुलिंग ग्राम पंचायत। उत्तरकाशी के भटवाड़ी, डुंडा और चिन्यालीसौड़ विकासखंड के मुखवा पतूड़ी और दामड़ी ग्राम पंचायत। पिथौरागढ़ के डीडीहाट की खेतारकन्याल ग्राम पंचायत, रुद्रप्रयाग के अगस्त मुनि विकासखंड की धारकोट बरसुडी, उधम सिंह नगर के गदरपुर और जसपुर विकासखंड की राजपुरा बक्सौरा और अंगदपुर ग्राम पंचायत,देहरादून के चकराता विकासखंड की मैपावटा ग्राम पंचायत शामिल हैं।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड में टूरिज्म को बूस्ट देगा औली, गौरसो की चोटी तक बनेगा चेयर कार रोपवे…पढ़िए पूरी खबर

यह रही पद रिक्त रहने की वजह


उत्तराखंड में लंबे इंतजार के बाद त्रिस्तरीय चुनाव हुए , बावजूद इसके 35 ग्राम पंचायतों का क्षेत्र पंचायत सदस्य और ग्राम पंचायत सदस्य विहिन रहना ग्रामीण क्षेत्र के विकास पर सीधे तौर पर प्रभाव डालता है। इन ग्राम पंचायतों में पद रिक्त रह जाने के पीछे एक नहीं बल्कि कई कारण निहित है, जैसे ग्राम पंचायत का कोरम पूर्ण न होना, ग्राम पंचायत में सदस्यों द्वारा शपथ ना लेना, नामांकन पत्रों की जांच में पत्रों का स्वीकार्य होना और उसकी जगह नामांकन ना भरे जाना, नामांकन ना होना और निर्देशन प्राप्त न होना कारण है। इसमें प्रदेश के पांच जिलों उत्तरकाशी टिहरी गढ़वाल चमोली पौड़ी गढ़वाल और रुद्रप्रयाग की 20 ऐसी ग्राम पंचायत है जहां नामांकन भरा ही नहीं गया जिसके कारण यहां पद खाली रह गए।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड में जल्द सक्रिय हो सकता है पश्चिमी विक्षोभ…सूखी ठंड करेगी परेशान

More in उत्तराखंड

Trending News

Follow Facebook Page