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उत्तराखंड

मुख्यमंत्री धामी की वाहवाही पर विपक्ष का हमला, कहा-पहले बकाया भुगतान करे सरकार, फिर ले वाहवाही

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दो दिन पहले हरिद्वार पहुंचे थे जहां किसानों ने न सिर्फ उनका फूलमालाएँ पहनाकर, पुष्पवर्षा कर और परंपरागत रूप से गन्ना भेंट करते हुए स्वागत किया बल्कि मुख्यमंत्री धामी को किसान पुत्र की उपाधि से भी नवाजा। वहीं मुख्यमंत्री धामी ने भी किसानों के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए कहा कि सरकार किसानों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है और कहा कि गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाकर ₹405 प्रति क्विंटल किया गया है, जो पिछले साल से ₹30 अधिक है। मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट कहा कि चीनी मिलों को किसानों का भुगतान समय पर करना ही होगा और जहाँ कहीं भी देरी या अनियमितता पाई जाएगी, वहां तुरंत कार्रवाई की जाएगी। मगर अब इस कथन पर राजनीति शुरु हो चुकी है, झबरेड़ा से कांग्रेस विधायक वीरेंद्र जाति ने सरकार का घेराव करते हुए कहा कि मौजूदा वक्त में महंगाई, डीज़ल, कीटनाशक और मजदूरी दरों के अनुपात में गन्ने का मूल्य पर्याप्त नहीं है। कांग्रेस विधायक ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तराखंड सरकार ने मात्र उत्तरप्रदेश की गन्ना दरें कॉपी-पेस्ट करी हैं, जबकि उत्तराखंड में किसानों की धरातलीय स्थिति एकदम उलट है।

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पहले बकाया भुगतान करे सरकार, फिर ले वाहवाही


राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए विधायक वीरेंद्र जाति ने कहा कि पंजाब सहित अन्य राज्यों की तर्ज पर उत्तराखंड में भी गन्ने का मूल्य कम से कम ₹500 प्रति क्विंटल होना चाहिए, तभी किसान की आय दोगुनी करने की दिशा में आगे बढ़ पाएंगे। विधायक जाति ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि ऊपर बैठे अधिकारी किसानों के साथ अन्याय कर रहे हैं। उन्होंने धामी सरकार को खुली चुनौती देते हुए कहा कि यदि धामी सरकार वास्तव में किसान हितैषी है, तो इकबालपुर चीनी मिल का 2018–19 और 2019–20 का ₹106 करोड़ का बकाया भुगतान किसानों को दिलवाकर दिखाए। वीरेंद्र जाति ने कहा कि सरकार बिना बकाया चुकाए सरकार सिर्फ वाहवाही लूट रही है और किसानों को गुमराह कर रही है, जो शर्मनाक है।

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