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उत्तराखण्ड

कुंभ घोटाले की जांच बनी मजाक, सस्पेंड अधिकारी हुए बहाल अब नए ट्रेक पर होगी मामले की जांच…

देहरादून,धर्मनगरी हरिद्वार में आयोजित महाकुंभ 2021 में हुए कथित कोरोना टेस्ट घोटाले पर सरकार जांच रिपोर्ट के बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पा रही है. स्थिति यह है कि इस मामले में अब स्वास्थ्य विभाग ने एक और समिति गठित कर इस मामले को उलझा दिया है. जबकि स्वास्थ्य महानिदेशक ने अभी खुद भी रिपोर्ट नही पड़ी है। कुंभ 2021 के दौरान कोरोना की जांच में हुई गड़बड़ी मामले पर लंबे समय बाद भी अब तक जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही नहीं हो पाई है. हालांकि, कोरोना जांच करने वाली निजी कंपनियों के संचालकों को जेल की हवा खानी पड़ी है, लेकिन इस मामले में सरकारी विभाग के अधिकारी कर्मचारी पूरी तरह से बचे हुए हैं. हालांकि प्रकरण के सामने आने के
बाद स्वास्थ्य मेला अधिकारी समेत एक और स्वास्थ्य अधिकारी को निलंबित किया गया था, लेकिन अब सरकार ने इन अधिकारियों को भी बहाल कर दिया है. हालांकि स्वास्थ्य महानिदेशक ने अभी खुद भी हो रिपोर्ट इन नहीं पड़ी है और उन्हें फिर से मामले की जांच का जिम्मा सौंप दिया गया है फिर से जांच कराए जाने को लेकर जारी आदेश से तो यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि दोषियों पर कार्रवाई के बजाय उन्हें बचाने का पूरा बंदोबस्त कर लिया गया है।बड़ी बात यह है कि मामले में फिर जांच के लिए एक कमेटी गठित कर दी है. स्वास्थ्य महानिदेशक की अध्यक्षता में यह कमेटी मामले की जांच करेगी. वैसे आपको बता दें कि इस मामले में पहले ही विजिलेंस के साथ जिलाधिकारी, एसआईटी और ईडी तक जांच कर चुकी है. तो वही जिलाधिकारी और एसआईटी तो इस मामले में अपनी जांच रिपोर्ट तक दे चुकी है, लेकिन इतना कुछ होने के बावजूद फिर इस मामले की जांच करवाई जा रही है. ऐसे में माना जा रहा है कि बार बार जांच कराने से यह मामला उलझ सकता है. उधर, इस तरह से मामले की एक बार फिर जांच कराने से स्वास्थ्य विभाग और सरकार की मंशा पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन महारा ने कहा कि सरकार घोटाले बाजों पर कार्यवाही करने के बजाए बचाने के रास्ते ज्यादा खोज रही है जिसका नतीजा है कि कुंभ घोटाले में सस्पेंड किए गए अधिकारियों पर कार्रवाई के बजाय उन्हें बहाल कर दिया गया।।
एक ओर कुंभ घोटाले को लेकर 9 माह तक चली उठापटक से राज्य की राजनीति गर्म रही तो वही दूसरी तरफ विभाग भी इसके चलते फजीहत का शिकार होता गया, अब एक बार फिर कुंभ घोटाले में सस्पेंड किए गए अधिकारियों को बहाल कर दिया गया साथ ही एक जांच कमेटी और गठित कर दी गई है जिससे सरकार की मंशा पर भी सवाल उठ रहे है।।

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