उत्तराखंड
आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का सचिवालय कूच, हरदा ने साधा सरकार पर निशाना
उत्तराखंड में इस समय आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सुपरवाइजर का पद भरे जाने, मानदेय बढ़ाये जाने, नियमितीकरण करने और कल्याण कोष को बेहतर किए जाने को लेकर इस समय बवाल मचा हुआ है। इसी क्रम में आज 2 दिसंबर को अरपी इन मांगो को लेकर सैकड़ों आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने राजधानी स्थित सचिवालय का कूच किया। हालांकि, सचिवालय से दूर ही उन्हें पुलिस द्वारा बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया गया, लेकिन मामला यहां भी शांत न हुआ और कार्यकत्रियों ने वहीं सड़क पर बैठकर ही नारेबाजी शुरु कर दी।
इसके बाद राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की प्रदेश अध्यक्ष सुशीला खत्री ने बताया कि बीते 14 नवंबर से ही राज्य के लगभग प्रत्येक जिले में प्रदर्शन जारी है। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का आरोप है कि राज्य सरकार ने आश्वासन दिया था कि उनका मासिक मानदेय 18000 रुपए कर दिया जाएगा , लेकिन 4 सालों के बीत जाने के बाद भी अभी तक उन्हें 9300 रुपए मानदेय दिया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि जब उपनल के कर्मचारियों की मांग पर सरकार ने PRD को 2500 भत्ता दिया तो आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की मांगों को दरकिनार क्यों किया जा रहा है। उनका कहना है कि हम चाहते हैं कि राज्य सरकार हमारी मांगों पर भी गौर करे और हमसे वार्ता करे।
हरदा ने साधा राज्य सरकार पर निशाना
आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के इस आंदोलन के बीच पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी मौके पर पहुंच गए और राज्य सरकार पर तीखा निशाना साधा। हरीश रावत ने कहा कि आंगनबाड़ी बहनों का काम कई गुना बढ़ गया है, लेकिन मानदेय में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई। महंगाई बढ़ रही है और ये सिर्फ सम्मानजनक वृद्धि मांग रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने न तो कल्याण कोष को मजबूत किया और न ही प्रमोशन जैसे मुद्दों पर ध्यान दिया।





