उत्तराखंड
स्कूल में आ धमका भालू, दरवाजा तोड़ एक बच्चे को उठा ले गया….शिक्षकों ने बचाई जान
उत्तराखंड में इन दिनों मानव-वन्यजीव संघर्ष बढ़ चुका है, पर्वतीय क्षेत्रों के साथ-साथ मैदानी इलाकों में भी वन्यजीवों के धमकने का खौफ बढ़ चुका है। ऐसी ही एक घटना चमोली जिले से सामने आई है जिसके बाद से स्कूली बच्चों और स्थानिय लोगों में खौफ की लहर है। दरअसल, चमोली जिले स्थित पोखरी में एक जूनियर हाईस्कूल हरिशंकर में अचानक एक जंगली भालू आ धमका…भालू की दस्तक से स्कूल में उपस्थित अन्य बच्चों में खौफ बैठ गया। वहीं जब भालू के डर से जब बच्चों ने भालू से बचने के लिए कमरे में छिपने की कोशिश की तो भालू ने दरवाजा तोड़ने की भी कोशिश की। हैरत की बात तो यह रही कि भालू कक्षा छह के छात्र आरव को उठा ले गया, वहीं जब अन्य छात्रों ने भालू को अपने साथी छात्र पर हमला करते देखा तो कुछ बच्चों और शिक्षकों ने हिम्मत का परिचय देते हुए भालू का पीछा किया।
गनीमत रही कि शिक्षकों और अन्य बच्चों ने तत्परता दिखाते से आरव की जान तो बचा ली गई, लेकिन अब इलाके में भय का माहौल पसर चुका है। आरव का हाल और स्कूल में ऐसा मंजर देख बच्चे रोते बिलखने लगे। वहीं एक सूचना के अनुसार दो दिन पहले इसी स्कूल के एक छात्र पर रास्ते में भालू ने हमला किया था, तो वहीं आज भालू स्कूल परिसर में ही आ धमका।
वन प्रहरियों की छांव में स्कूल जाने को मजबूर छात्र
जौलीग्रांट में थानों वन रेंज के अंतर्गत आने वाले पर्वतीय क्षेत्रों में भालू के बढ़ते हमलों को देखते हुए अब स्कूली बच्चों को वन प्रहरियों की सुरक्षा में स्कूल भेजा जा रहा है। चूंकि बीते दिनों पहले गडूल पंचायत के कमेठ (सोड) गांव में दो भालुओं ने खेत में घास लेने गई महिला को गंभीर रूप से घायल कर दिया था, लिहाजा इस घटना से पूरे इलाके में खौफ पसर गया है। वहीं उक्त घटना को देखते हुए थानों वन रेंज द्वारा 6 वन प्रहरियों की एक टीम बनाई गई है, जो भालू संभावित क्षेत्रों में आने वाले स्कूलों में बच्चों को स्कूल छोड़ने का काम कर रही है। इसके अतिरिक्त अब वन प्रहरी घास और लकड़ी के लिए जंगल जाने वाले महिलाओं के साथ भी आवाजाही कर रहे हैं। वहीं वन विभाग ने भालू संभावित क्षेत्रों में सोलर लाइट लगाई गई है और भालू को पकड़ने के लिए पिंजरा भी लगा दिया गया है।





