उत्तराखंड
हिटमैन “धर्मेंद्र” की अस्थि विसर्जन को लेकर विवाद, सवालों के घेरे में गंगा सभा और प्रशासन
बॉलीवुड के ‘हिटमैन’ कहे जाने वाले दिग्गज अभिनेता और सभी के चहेते धर्मेंद्र के अंतिम संस्कार के बाद उनकी अस्थियां मंगलवार को हरिद्वार लायी गईं। वहीं धर्मेंद्र को अंतिम विदाई देने के लिए देओल परिवार हरिद्वार के समीप पीलीभीत हाउस पहुंचा, जहां होटल के निजी घाट पर देओल परिवार द्वारा अपने पुरोहित की उपस्थिति में विधि-विधान के साथ अभिनेता धर्मेंद्र की अस्थियों का विसर्जन किया गया। इस दौरान सनी देओल, बॉबी देओल और परिवार के अन्य सदस्य मौजूद रहे। मगर अस्थि विसर्जन को लेकर अब बहुत बड़ा विवाद खड़ा हो चुका है, दरअसल, हरिद्वार के पंडित समाज और कर्मकांड करने वाले पुरोहितों ने इसे धार्मिक परंपराओं के विरुद्ध बताया है। उनका कहना है कि देश की कई बड़ी हस्तियाँ, जैसे प्रधानमंत्री नेहरू, महात्मा गांधी या फिल्मी जगत से जुड़ी अन्य महान विभूतियाँ, सभी ने अस्थि विसर्जन मुख्य स्थल हर की पैड़ी पर ही किया है और शास्त्रों में भी यहीं से गंगा में अस्थियां प्रवाहित किए जाने का नियम है। इसके इतर पुरोहितों ने होटल के निजी घाट पर हुए इस विसर्जन पर आपत्ति जताई है और प्रशासन से मांग की है कि धार्मिक परंपराओं का सम्मान बरकरार रखा जाए।
सवालों के घेरे में गंगा सभा और प्रशासन
एक ओर जहां अस्थि विसर्जन की सूचना को लेकर मीडिया दल वीआईपी घाट पर मौजूद रहा, तो वहीं विसर्जन का कार्यक्रम पीलीभीत हाउस के निजी घाट पर ही संपन्न कर दिया गया। लिहाजा पूरे दिन यह मामला हरिद्वार मे चर्चा का केंद्र बना रहा। वहीं गंगा सभा से यह उम्मीद की जा रही थी कि वह इस विषय पर खुलकर सामने आएगी, लेकिन सभा के पदाधिकारियों ने सिर्फ इसे गलत बताकर इतिश्री कर ली। इस मुद्दे पर कोई भी आपत्ति न जताने से अब गंगा सभा की शैली पर संशय खड़ा हो चुका है। तो वहीं देओल परिवार के घाट पर न पहुंचने के बावजूद गंगा सभा.और निजी घाट पर अस्थि विसर्जन को लेकर प्रशासन की चुप्पी यह दोनों बिंदु सवालों के घेरे में है।





