उत्तराखंड
चार धाम यात्रा को लेकर सचिव स्वास्थ्य डॉ.आर राजेश कुमार द्वारा तैयार किए गए प्लान का असर, 2लाख से ज्यादा लोगों की हुई स्क्रीनिंग….
देहरादून, उत्तराखंड – प्रदेश में जारी चार धाम यात्रा इस वर्ष एक बार फिर लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बनी हुई है। केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धामों में दर्शन के लिए देशभर से श्रद्धालु लगातार पहुंच रहे हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए व्यापक तैयारियाँ की हैं। यात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न पड़ावों पर स्क्रीनिंग अभियान भी तेज़ी से चलाया जा रहा है।
चारों धामों पर स्वास्थ्य विभाग की टीमें तैनात की गई हैं, जो स्थान-स्थान पर श्रद्धालुओं की मेडिकल जांच कर रही हैं। यात्रियों को बुखार, ऑक्सीजन लेवल, रक्तचाप सहित अन्य आवश्यक जांच की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे कोई भी व्यक्ति स्वास्थ्य समस्याओं के साथ यात्रा न करे। विभाग द्वारा गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों या हेली सेवा के माध्यम से उच्च चिकित्सा सुविधा तक पहुँचाया जा रहा है।
स्वास्थ्य सचिव आर. राजेश कुमार स्वयं यात्रा शुरू होने से पूर्व स्थलीय निरीक्षण कर चुके हैं और विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि कोई भी श्रद्धालु बिना स्क्रीनिंग के यात्रा मार्ग पर न जाए। राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि श्रद्धालुओं की यात्रा न केवल आस्था से परिपूर्ण हो, बल्कि सुरक्षित और स्वास्थ्यपूर्ण भी रहे।
अब तक करीब 207,000 यात्रियों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। वहीं, 4 लाख से अधिक श्रद्धालु केदारनाथ के दर्शन कर चुके हैं। अन्य तीन धामों को मिलाकर यह संख्या 1002,558 तक पहुँच चुकी है। इन आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि यात्रा को लेकर लोगों में भारी उत्साह है और शासन-प्रशासन की व्यवस्थाएं भी इस उत्साह को संभालने के लिए पूरी तरह मुस्तैद हैं।
राज्य सरकार द्वारा ऑनलाइन पंजीकरण को अनिवार्य किया गया है, ताकि यात्रा नियंत्रित और संगठित रूप से संचालित हो सके। अब तक 30 लाख से अधिक लोग रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं, जो कि इस यात्रा की अभूतपूर्व लोकप्रियता को दर्शाता है।
स्वास्थ्य विभाग की यह सक्रियता और सरकार की दूरदर्शिता चार धाम यात्रा को इस वर्ष न केवल सफल, बल्कि सुरक्षित भी बना रही है। तीर्थाटन के साथ स्वास्थ्य की सुरक्षा को जोड़कर उत्तराखंड सरकार एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत कर रही है।

