उत्तराखंड
चर्चा और विवादों के बीच करोड़ों के लैब इन बैग के लिए अब आई रिएजेंट खरीदने की याद, सफेद हाथी बनी करोड़ों की मशीनें…
देहरादून, राज्य में करोड़ों रुपए की लागत से स्वास्थ्य विभाग में लेब इन बैग तो खरीद लिए गए, लेकिन आज तक भी उसके लिए रिएजेंट की व्यवस्था कर पाने में विभाग नाकाम ही साबित हुआ ।।अब मामला चर्चाओं में आया तो आनन-फानन में अधिकारियों के द्वारा भी रिएजेंट खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई, सूत्रों की माने तो लैब इन बैक खरीदे जाने के बाद से ही एक बार भी इसके लिए रिएजेंट नहीं खरीदा गया जिसके चलते मशीन सफेद हाथी बंद करें पड़ी रही, अब एक बार फिर इसके लिए रिएजेंट खरीदने की तैयारी की गई लेकिन सीएमओ और संबंधित अधिकारियों से कोई डिमांड ना मिलने के चलते एक बार फिर रिएजेंट खरीद पाने में विभाग नाकाम ही साबित हुआ।। गौरतलब है कि पहले स्वास्थ्य महानिदेशालय और उसके बाद वर्ल्ड बैंक से भी करोड़ों रुपए की लागत से यह मशीने खरीदी गई थी जिससे यह माना जा रहा था कि पहाड़ों की स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए यह मील का पत्थर साबित होंगी, लेकिन करोड़ों रुपए खर्च होने के बावजूद भी लोगों को इसका लाभ नहीं मिल सका है जो बताता है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी किस कदर सरकारी धन को पलीता लगाने का काम कर रहे हैं।। अब इसे सरकारी सिस्टम की लापरवाही कहें या फिर सरकारी धन की बंदरबांट जो करोड़ों रुपए की मशीनों का लाभ भी लोगों को दिला पाने में नाकाम साबित हुए।।।